डॉ. रामबली मिश्र
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मेरी पावन शिव काशी
वरुणा नदिया उत्तर दिशि में, अस्सी नद दक्षिण वासी;
दास-दासियाँ शिव चरणों की, जन्म-जन्म की हैं प्यासीं;
मस्ताना अंदाज निराला ,औघड़ नित मिल जाते हैं ;
वरुणा-अस्सी के संगम पर,मेरी पावन शिव काशी।
पृथ्वी सिंह बेनीवाल
08-Jan-2023 09:12 AM
बेहतरीन
Reply
Sachin dev
06-Jan-2023 06:08 PM
Nice
Gunjan Kamal
05-Jan-2023 08:40 PM
बहुत ही सुन्दर
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पृथ्वी सिंह बेनीवाल
08-Jan-2023 09:12 AM
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Sachin dev
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Gunjan Kamal
05-Jan-2023 08:40 PM
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